धन की इच्‍छा

धन सभी लोगो के जीवन मे बहुत महत्‍वपूर्ण होती है और इसे पाने की सभी की इच्‍छा होती है । धन की इच्छा सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्तरों पर हो सकती है, लेकिन यह बहुत से कारकों पर निर्भर करती है। धन की इच्छा निर्भर कर सकती है व्यक्ति के उद्देश्यों, समझ, और जीवनशैली पर।                                      धन की इच्छा का एक सामाजिक कारक हो सकता है जो समाज में स्थान पाने, सम्मान प्राप्त करने, या दूसरों के साथ तुलना करने की इच्छा से उत्पन्न होता है। आर्थिक दृष्टि से, धन की इच्छा व्यक्ति को सुरक्षित और सुखी भविष्य की आशा करने के कारण हो सकती है।

1/6/20241 मिनट पढ़ें

                                     

धन की इच्‍छा:

आज सभी इंसान अपने अपने तरीके से जीवन जीते है और सभी को अपना अपना जीवन जीने के लिये धन मतलब पैसे की आवश्‍यकता होती है जिसके लिये सभी इंसान अपने अपने स्‍तर पर धन कमाने की कोशिश करता है । आज वर्तमान समय मे भी लोग धन कमाने के लिये अनेको प्रकार के तरीके अपनाये हुये है ।

                                     दोस्‍तो आज हम यहां पर इसी धन कमाने के तरीके पर बात करने वाले है और हां यदि किसी को यहां पर लग रहा होगा कि धन कैसे कमाना है इस तरीके के लिये यहां पर बात करने वाले है तो मेरे प्‍यारे दोस्‍तो मुझे माफ करना । आप गलत बेबसाइट पर आ गये है मै यहां पर कोई धन कमाने के तरीके नही बताने वाला हूं मै तो यहां पर एक तरीका बता रहा हू जिस तरीके से कमाया हुआ धन हमेशा आपके काम आता है और उस धन को आप नही कमाते बल्कि विधाता के द्वारा आपको दिया गया होता है । तो चलिये दोस्‍तो देखते है ।

                                     आज लोग अपने सुख सुविधाओं के लिये अपने मन मे धन कमाने की इच्‍छा रखते हुये उसे पूरा करने के लिये अनेक तरीको से धन कमाते है और अपने जीवन के लिये सुख सुविधा खरीदते है और अपना जीवन व्‍यतित कर रहे है । ये सब वर्तमान मे समय मे आवश्‍यक भी है ।

                                   धन की इच्छा सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्तरों पर हो सकती है, लेकिन यह बहुत से कारकों पर निर्भर करती है। धन की इच्छा निर्भर कर सकती है व्यक्ति के उद्देश्यों, समझ, और जीवनशैली पर।

                                     धन की इच्छा का एक सामाजिक कारक हो सकता है जो समाज में स्थान पाने, सम्मान प्राप्त करने, या दूसरों के साथ तुलना करने की इच्छा से उत्पन्न होता है। आर्थिक दृष्टि से, धन की इच्छा व्यक्ति को सुरक्षित और सुखी भविष्य की आशा करने के कारण हो सकती है।

यहां कुछ स्थितियां हैं जहां धन की इच्छा उचित हो सकती है:

1. आर्थिक सुरक्षा: धन की इच्छा आर्थिक सुरक्षा और परिवार की देखभाल के लिए जरूरी हो सकती है। इससे व्यक्ति अपने लोगों के साथ एक सुरक्षित और स्थिर जीवन की आशा कर सकता है।

2. शैक्षिक और सांस्कृतिक उन्नति: धन की इच्छा व्यक्ति को शैक्षिक और सांस्कृतिक अनुभवों को समर्थन करने में मदद कर सकती है, जिससे उसका व्यक्तिगत और सामाजिक विकास हो सकता है।

3. समाज सेवा: धन की इच्छा को समाज सेवा के लिए प्रेरित किया जा सकता है, जिससे समाज में सुधार और सेवा का स्तर बढ़ सकता है।

4. स्वास्थ्य और आत्मरक्षा: धन की इच्छा से व्यक्ति अपनी सेहत का ध्यान रखने और आत्मरक्षा के लिए आवश्यक सुविधाओं की प्राप्ति कर सकता है।

हालांकि, धन की मात्रा और प्राप्ति के लिए उचित सीमा रखना भी महत्वपूर्ण है, ताकि इससे आत्मसमर्पण, समाज सेवा, और सत्यिक खुशियों का मार्ग न हटे। अधिकतम समृद्धि के प्रति अविश्वास और उत्कृष्टता की प्राप्ति के लिए संतुलित दृष्टिकोण में रहना महत्वपूर्ण है।

                                         अब ऊपर लिखे गये सभी कार्य लोगो के द्वारा कमाये गये धन से प्राप्‍त होगा लेकिन सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह है कि धन तो कमा लिये और उपर लिखे गये सभी कार्यो मे धन आपका काम आ रहा है फिर भी आपका मन बैचेन है और आपके द्वारा कमाया हुआ धन आपके पास अधिक दिनो तक नही रहता तो इसका साफ मतलब होता है कि आपने उस धन को कमाने के लिये कठोर परिश्रम , कठिन डगर, और ईमानदारी की रास्‍ता को छोडकर पगडन्‍डी वाला रास्‍ता अपनाया था जिससे आप जल्‍द ही धन की प्राप्ति तो कर लिये । परन्‍तु वहां पहुंचने पर लगने लगा कि मुझे इस तरह से यहां पर नही पहुचना था और ये जो धन है ये मेरा नही है मै इसका हकदार नही हूं  यही सब सोचकर मन बेचैन हो जाता है ।

                                        एक बात मेरे इस आर्टिकल को पढने वाले जरूर महसूस कर रहे होगे कि यदि हमारे पास धन नही होता तब हम यही सोचते है कि कैसे भी करके हमारे पास धन आना चाहिए पर जब हमारे पास धन आ जाता है तब इंसान की आत्‍मा अपने मन से पूछता है कि ये तुमने क्‍या किया तब उस इंसान का मन उस धन कमाने के तरीको पर विचार करने लगता है और उसको समझ मे आ जाता है कि वह तरीका सही नही था जिसके कारण इंसान का मन उस धन से शांति नही पाता बल्कि ये सोचता है कि इससे अच्‍छा तो वही समय था जब ये धन मेरे पास नही था कम से कम बेचैनी तो नही थी भले मन मे धन की लालसा रही ।

                                       अंत मे एक बात और कहना चाहता हूं मैने अपने जीवन के अनुभव मे पाया कि जब कोई इंसान अपना कार्य कडी परिश्रम और ईमानदारी से करता है और जब उसके मेहनत का फल मिलता है । तो उस समय इंसान को जो  खुशी  मिलता है वही सच्‍ची  खुशी होती है ।

तो दोस्‍तो धन कमाईये परन्‍तु उस धन को कमाने के लिये आप कभी पगडन्‍डी रास्‍ता को मत अपनाईये । ईमानदारी से कमाया हुआ धन मे ताकत और कीमत होती है ।