परिवारिक संतुलन

परिवार चलाने के लिये संलुतन जरूरी

12/25/20231 मिनट पढ़ें

इस दुनिया मे पूंजीपति और गरीब दोनो तरह के लोग रहते है परन्‍तु परिवार सभी का होता है चाहे वह गरीब हो या फिर अमीर , अपनी अपनी हैसियत के अनुसार उनके परिवार की जरूरत होती है । इंसान के जीवन की कहानी एक परिवार से ही शुरू होती है इसलिये एक परिवार हर इंसान के लिये महत्‍वपूर्ण होती है और जब यही महत्‍वपूर्ण परिवार कुछ छोटी-छोटी बातो को लेकर बिखर जाता है जो इंसान इस भीड भरी दुनिया मे अकेला ही रह जाता है ।

आज के बललते परिवेश और दुनिया मे इंसानो के लिये अपने परिवार मे संतुलन बनाये रखना एक चुनौती बनती जा रही है लोग परिवार मे एक दूसरे को समझने मे असमर्थ होते जा रहे है । इस समस्‍या को नीचे दिये गये कुछ छोटी परन्‍तु बहुत महत्‍वपूर्ण बातो का ध्‍यान रखकर ठीक किया जा सकता है ।

01-परिवार मे संतुलन बनाये रखने के लिये सबसे प्रथम बात होती है कि परिवार के मुखिया को अपने परिवार के सभी सदस्‍यो के साथ सामन्‍जस्‍य बनाये रखना क्‍योकि यदि परिवार मे आपसी सामन्‍जस्‍य नही होगी तो परिवार बिखने की संभावना बनी रहती है इसलिये परिवार के मुखिया का प्रथम कर्तव्‍य है कि वह अपने परिवार के सभी सदस्‍यो मे आपसी तालमेल बनाये ।

02-एक परिवार को सही ढंग से चलाने के लिये परिवार के मुखिया को इस बात का हमेशा ध्‍यान रखना चाहिए कि उसे अपने परिवार को अच्‍छे ढंग से चलाने के लिये परिवार के सभी सदस्‍यो की सहयोग की आवश्‍यकता होती है इसलिये परिवार के मुखिया को अपने परिवार के सदस्‍यो पर किसी प्रकार दबाव नही बनाना चाहिए किसी काम को करते समय सभी की उचित राय लिया जाय जिससे परिवार के सभी सदस्‍यो को भी अपने परिवार के कार्यो मे भागीदार होने की जिम्‍मेदारी रहती है ।

03-परिवार मे अनेक सदस्‍य होते है और सभी की कुछ न कुछ जरूर होती है चूंकि परिवार के सदस्‍यो के पास काम नही होने से वह अपनी जरूरतो के लिये अपने परिवार के मुखिया के ऊपर ही निर्भर रहता है । परिवार के मुखिया का यह दायित्‍व होता है कि वह घरेलू सामानो के साथ-साथ परिवार के प्रत्‍येक सदस्‍यो की जरूरत छोटे हो या बडे जो उचित हो को पूरा करने की कोशिश करना चाहिए यदि उनकी जरूरते तत्‍काल पूरा नही किया जा सकता है तो उसे जल्‍द पूरा करने का आश्‍वासन देना जरूरी होता है इससे परिवार के सभी सदस्‍य खुश रहते है और सभी मुखिया के कामो मे अपना-अपना सहयोग करते है ।

04-परिवार मे मुखिया के बाद सबसे जिम्‍मेदार सदस्‍य मुखिया की पत्नि होती है जो मुखिया के बाद परिवार के सभी सदस्‍यो की देखभाल करती है । मुखिया को हर संभव प्रयास यह करना चाहिए क‍ि पूरा परिवार एक साथ भोजन करें इससे परिवार के सभी सदस्‍यो का मनोभाव का पता चलता है ऐसा करने से परिवार के किसी भी परेशान सदस्‍य के समस्‍या के बारे मे जानकारी होगी और उसके समस्‍या को समय के साथ दूर कर सकते है यदि परिवार का मुखिया अपने परिवार से दूर रहकर नौकरी करता है तो उन्‍हे चाहिए कि परिवार के सभी सदस्‍यो से फोन के जरिये बातचीत करते रहना चाहिए इससे परिवार के सभी सदस्‍यो के मन मे उत्‍साह बना रहता है ।

05-परिवार के मुखिया को रात्रि भोजन या दिन के भोजन के समय अपने पत्नि को अधिक से अधिक बातचीत करने का समय देवे क्‍योकि इस दुनिया मे ज्‍यादातर महिलाये अपने मन की बात को पति को खाने के समय बताती है तो उसके बातो को ध्‍यान से सुने और यदि उसकी कोई जरूरत हो और जिसको पूरा करना संभव हो तो उसके जरूरत को पूरा करें उसे बाद मे करने पर न टाले और यदि जरूरत को तत्‍काल पूरा नही किया जा सकता है उसके लिये समय ले लेवे और हो सके तो उस समय के भीतर ही उसके जरूरतो को पूरा करने का प्रयास करे इससे घर की पत्नि हमेशा खुश रहेगी और आपका दिमाग भी परेशान मुक्‍त रहेगा ।

06-इस दुनिया मे परिवार मे कई ऐसी छोटी-छोटी बाते होती है जिसे इंसान हमेशा अनदेखा करते चला जाता है और वही अनदेखा एक दिन परिवार बिखरने का कारण बन जाता है तो यह मेरी मन की समझ की बात है यदि कोई इंसान अपने परिवार के छोटी-छोटी बातो का ध्‍यान रखता है तो उसके परिवार मे विवाद नही होता , परिवार के सभी सदस्‍य खुश रहते है और यह सत्‍य बात है जब परिवार के सभी सदस्‍य खुश होगें तो परिवार कभी भी बिखर नही सकता है ।

07- परिवार के मुखिया को अपने परिवार मे इस तरह का माहौल बनाना चाहिए जिससे परिवार के सभी सदस्‍य अपनी अपनी बातो को बेझिझक रख सके और जब परिवार का कोई भी सदस्‍य अपनी बात सबके सामने रखेगा तो उस बात मे परिवार के सभी सदस्‍यो का तर्क वितर्क होगा जिससे उस बात का सही अर्थ सामने निकलकर आयेगा जिससे उस सदस्‍य को उस बात का सही मतलब पता चल सकेगा ।

इस प्रकार हर परिवार का मुखिया इन छोटी-छोटी बातो का ध्‍यान रखकर अपने परिवार को आनंद पूर्वक चला सकता है और अपने परिवार को एक साथ नई दिशा की ओर ले जा सकता है ।