दिल और दिमाग

इंसानी दिल और दिमाग दो अलग-अलग पहलुओं को प्रभावित करने वाले दो अंग हैं।

1/3/20241 मिनट पढ़ें

इस संसार मे ऊपर वाले ने हर इंसान को शरीर के साथ साथ दो महत्‍वपूर्ण चीज दिया है वो है इंसान का दिल और दिमाग ।

आज हर इंसान के पास दिल और दिमाग है अब यहां पर बात करने वाली यह है कि इन दोनो चीजो का लोग कब और कैसे इस्‍तेमाल करते है और उसका सामने वाले पर क्‍या प्रभाव पडता है इसी के बारे मे बात करेंगे ।

इंसानी दिल भावनाओं और भावुकता का केन्‍द्र है यह सामाजिक और आत्मिक जीवन मे रंग भरता है और व्‍यक्ति को भावनाओ, प्रेम,आत्‍मा तथा संबंधो के प्रति संवेदनशील बनाता है । दिल एक समझदार तन्‍तु होता है जो व्‍यक्ति को दुनिया के प्रति भावुक बनाता है और उसे सहजता से समझने की क्षमता प्रदान करता है । दिल का उपयोग व्‍यक्ति को अन्‍य लोगो के साथ संबंध बनाने , समर्थन प्रदान करने और साझा करने मे किया जा सकता है ।

इंसान के अन्‍दर का दूसरा तन्‍तु दिमाग एक तरह का सोचने और निर्णय लेने का केन्‍द्र है । दिमाग विचार ,तर्क और ज्ञान का स्‍त्रोत है जो व्‍यक्ति को बुद्धिमता ,योजना बनाने और समस्‍याओं का समाधान करने मे मदद करता है । दिमाग एक लोजिकल तन्‍तु है जो व्‍यक्ति को समृद्धि की दिशा मे मार्ग दर्शन करता है ।

लोग इन दोनो का उपयोग अपने जीवन मे विभिन्‍न परिस्थितियो मे करते है । जब व्‍यक्ति अपने दिल का सुनता है तो वह अपनी भावनाओं का मूल्‍यांकन करता है और सहारा लेता है वह दूसरों के साथ अधिक संवेदनशील होता है और भावनात्‍मक रूप से संबंध बनाता है । जब दिमाग का उपयोग किया जाता है ,तो व्‍यक्ति विचारशील बनता है तर्क करता है और निर्णय लेता है ।

इंसान के सफल जीवन के लिए दिल और दिमाग दोनो का सन्‍तुलन महत्‍वपूर्ण है । एक समर्थ व्‍यक्ति विवेकपूर्णता के साथ अपने दिल का सुनता है और अपने दिमाग का उपयोग लाॅजिक और समझदारी के साथ करता है । 

दुनिया के सभी इंसानो को हर बात को दिल से सुनना चाहिए और फिर उसे अपने दिमाग की कसौटी मे रखकर  तर्क करना चाहिए जिससे सही निर्णय निकलकर सामने आयेगा और वह हमेशा हित मे रहेगा ।