छोटी सी जिंदगी है हँस के जियो: क्‍योंकि लौटकर सिर्फ यादें आती हैं, वक्‍त नहीं

छोटी सी जिंदगी को मुस्‍कान के साथ जीने का महत्‍व क्‍या है? इस लेख में जानिए क्‍यों हँसी, सकारात्‍मक सोच और यादों का संग्रह हमें सच्‍चे आर्थों में जिंदा रखता है। हँसी और वक्‍त का रिश्‍ता समझें और जीवन को खुलकर जिएं।

Harish sakat

6/14/20251 मिनट पढ़ें

छोटी सी जिंदगी है
छोटी सी जिंदगी है

छोटी सी जिंदगी है हँस के जियो:क्‍योंकि लौटकर स‍िर्फ यादें आती हैं, वक्‍त नहीं

जिंदगी क्‍यों छोटी है,और हमें इसे कैसे देखना चाहिए?

समय का सीमित होना

हर इंसान के पास दिन में 24 घंटे ही होते हैं, लेकिन हम उस समय का उपयोग कैसे करते हैं, यही हमारे जीवन की दिशा तय करता है। जिंदगी का हर पल अमूल्‍य है और यह हमें कभी वापस नहीं मिलता।

जीवन अनिश्चित है

कोई नहीं जानता कि अगला क्षण कैसा होगा। आज जो साथ हैं, वे कल नहीं भी हो सकते। इसी कारण जिंदगी को हर रोज उत्‍सव की तरह जीना चाहिए।

जिंदगी क्‍यों छोटी है
जिंदगी क्‍यों छोटी है
समय का सीमित होना
समय का सीमित होना
जीवन अनिश्चित है
जीवन अनिश्चित है

हँसी तनाव को कम करती है

जब हम हँसते हैं, हमारा शरीर एंडोर्फिन रिलीज करता है जो तनाव को कम करता है और मूड को बेहतर बनाता है।

हँसना जरूरी क्‍यों है
हँसना जरूरी क्‍यों है
तनाव कम करती है
तनाव कम करती है
मजबूत रिश्‍तें
मजबूत रिश्‍तें

रिश्‍तों को मजबूत बनाती है हँसी

हँसी दो दिलों के बीच की दूरी को कम करती है। जब हम मुस्‍कान के साथ बात करते हैं, तो सामने वाला व्‍यक्ति हमारे करीब आ जाता है।

यादें क्‍यो अनमोल होती है?

बीते वक्‍त की निशानी

यादें हमारे बीते पलों का एक संग्रह होती हैं जो हमें भावनात्‍मक रूप से जोड़ती हैं। जब समय चला जाता है, तो वही यादें हमारे पास रह जाती हैं।

प्रेरणा और सिखावन

कभी-कभी पुरानी यादें हमें सिखाती हैं कि हमने क्‍या खोया, क्‍या पाया और कैसे आगे बढ़ना है।

बीते वक्‍त की निशानी
बीते वक्‍त की निशानी

लौटकर कभी वक्‍त नहीं आता, तो फिर क्‍यों न खुलकर जिएं?

पछतावे से बेहतर है प्रयास

बहुत से लोग जीवन के अंत में पछताते हैं कि काश उन्‍होंने ज्‍यादा जिया होता,ज्‍यादा हँसा होता। तो क्‍यों न आज ही वो कदम उठाएं जो दिल कहता है?

हर दिन एक अवसर है

हर सुबह एक नया मौका है- किसी को माफ करने का,खुद को बेहतर बनाने का, या बस मुस्‍कुराने का।

पछतावे से बेहतर है प्रयास
पछतावे से बेहतर है प्रयास

सकारात्‍मक जीवन जीने की कला

नकारात्‍मकता को अलविदा कहें

नकारात्‍मक सोच हमारे जीवन को सीमित कर देती है। सकारात्‍मक दृष्टिकोण से हम मुश्किल समय को भी पार कर सकते हैं।

आभार प्रकट करना सीखें

छोटी-छोटी चीजों के लिए धन्‍यवाद कहना भी हँसी और खुशी का रास्‍ता खोलता है।

नकारात्‍मकता को अलविदा कहें
नकारात्‍मकता को अलविदा कहें

दूसरों के जीवन में हँसी बॉंटना

मदद करें,बिना उम्‍मीद के

कभी किसी की मदद कर देना भी उसकी जिंदगी का सबसे खुबसूरत पल बन सकता है-और आपकी जिंदगी की सबसे प्‍यारी याद।

मुस्‍कुराहट contagious होती है

जब आप मुस्‍कुराते हैं, तो सामने वाला भी मुस्‍कुराता है। यही मानवता की सबसे बड़ी ताकत है।

दूसरों के जीवन में हँसी बॉंटना
दूसरों के जीवन में हँसी बॉंटना

सच्‍ची जिंदगी वही है जो हँसते-खेलते जिए जाए

जीवन को बोझ नहीं,उत्‍सव बनाएं

हर दिन ऐसा जिएं जैसे कोई पर्व है। हर पल में कुछ सुंदर तलाशें और उसी में खुश रहना सीखें।

खुशी का कोई मूल्‍य नहीं

पैसे से हम चीजें खरीद सकते हैं, लेकिन सच्‍ची खुशी और हँसी का कोई मूल्‍य नहीं होता। ये वो अमूल्‍य खजाना है जिसे जितना बॉंटो,उतना बढ़ता है।

हँसते-खेलते जिए जाए
हँसते-खेलते जिए जाए

निष्‍कर्ष

जिंदगी छोटी है, और हर बीतता क्षण उसे और छोटा बनाता जा रहा है। हँसना,खुश रहना, अच्‍छे पल जीना, और यादें संजोना- यही असली जीवन है। जब हम दुनिया से विदा लेंगे, तो हमारे साथ न दौलत जाएगी, न शोहरत। बस रह जाएंगी वो यादें, जिन्‍हे हमने मुस्‍कान के साथ जिया।

तो मेरे मित्र, आज से ही एक वादा करें-

हर दिन को खुलकर जिएंगे,क्‍योंकि लौटकर वक्‍त नहीं आता....सिर्फ यादें आती हैं।

जिंदगी छोटी है हँसना,खुश रहना,अच्‍छे पल जीना
जिंदगी छोटी है हँसना,खुश रहना,अच्‍छे पल जीना