प्रेम और उसके इशारे

स्‍वच्‍छ प्रेम क्‍या होता है और उस प्रेम के क्‍या इशारे होते है सच्‍चे प्रेम मे लड़की क्‍या संकेत करती है पहली बात लडकी आपको सीधे सीधे नही देखेगी, लडकिया बहुत नाजूक और बहुत शर्मिली होती है इसलिये ये जिसे पसंद करती है उसे वह सीधे सीधे नही देख सकती जब कोई उसे नही देख रहा हो तब वह अपने प्रेमी को देखती है । लड़कियां अपने प्रेमी को देखने के लिये अपना सिर नही घुमाती है बल्कि अपनी आंखो की पुतलियो को दाये बाये कर अपने प्रेमी को तिरछी निगाहों से देखती रहती है । लड़कियां हमेशा अपने प्रेम को छुपाना चाहती है ताकि उसकी मर्यादा बनी रहे ।

1/19/20241 मिनट पढ़ें

              नमस्‍कार दोस्‍तो मै अपने वेबसाइट mind matter nyt मन की बात मे आप सभी का स्‍वागत करता हूं । मै उम्‍मीद करता हूं आप पूरी तरह से फीट होगें और भगवान की कृपा से अच्‍छे होंगे ।

                दोस्‍तो आपको मेरे इस वेबसाइट पर पैसे कमाने का कोई तरीका नही मिलेगा क्‍योकि मै पैसो के पीछे नही जाता मेरा मानना है कि मुझे उतना ही धन चाहिए जितना मेरे परिवार का भरण पोषण के लिये जरूरी है ।

                 मेरे प्‍यारे दोस्‍तो दुनिया मे अनेक प्रकार के लोग रहते है और सबका दिमाग और सोच अलग अलग रहता है । मेरे कई दोस्‍तो ने पूछा है कि प्रेम किसे कहते है । कई दोस्‍तो ने पूछा है कि लडकी जब प्रेम करती है तो क्‍या ईशारे देती है और भी कई प्रकार के सवाल पूछे है जिनका जवाब मै अपने इस आर्टिकल मे देने वाला हूं ।

                तो चलिये चलते है , महत्‍वपूर्ण की बातों की ओर । जैसे कि मैने ऊपर बताया कि कई लोगो ने पूछा है कि प्रेम किसे कहते है तो दोस्‍तो यहां पर मै आप लोगो को यह बताना चाहता हूं कि प्रेम एक ऐसा पवित्र बंधन है जिसे इंसान अपने से नही करता बल्कि ये अपने आप हो जाता है किसी के भी प्रति । लेकिन मै यहा पर अपने जानने वाले दोस्‍तो से यह स्‍पष्‍ट कर दूं कि जिसने भी ये पूछा है कि प्रेम किसे कहते है उसके मन मे पहले से ही किसी व्‍यक्ति के प्रति विशेष लगाव हो चुका होगा और जिसे वह स्‍पष्‍ट रूप से समझ नही पा रहा है कि यह लगाव आखिर है क्‍या कहीं ऐसा तो नही कि मुझे किसी से प्रेम हो गया हो । इसी दुविधा के चलते अपने मन की बात को पूछा है तो मै उसे यह स्‍पष्‍ट बता दे रहा हूं यदि आपके मन मे आप चाहे लडका हो या लडकी किसी भी व्‍यक्ति के प्रति उसके साथ रहना, उसके साथ घूमना, उससे बाते करना और कई बाते है जिसे आप चाहते है तो निश्चित ही आपको उस इंसान से लगाव है परन्‍तु प्रेम नही है । प्रेम मे इंसान शुरूवाती दौर मे सिर्फ अपने प्रेमी को देखना चाहता है बाकी उससे मिलना, उससे बात करना वह नही चाहता क्‍योकि एक सच्‍चे प्रेमी को यह डर रहता है कि यदि मै उससे बात करता हूं और कोई बात यदि उसे बुरा लग गया तो वह मुझसे रूठ जायेगा/जायेगी तो फिर मै उसे देख भी नही पाऊंगा । यही डर के कारण एक सच्‍चा प्रेमी अपने मन की बात को अपने अन्‍दर छुपा कर केवल अपने प्रेमी को देखकर खुश होते रहता है । किसी को पा लेना ही प्रेम नही है बल्कि किसी को अपने मन की बात को बताये बिना ही उसकी परवाह करना भी एक प्रेम होता है । वैसे एक बात और बता देता हूं अपने दोस्‍तो को कि आज कल जो लोग क्‍या ब्रेकअप हो गया बोलते है न तो मै यहां पर स्‍पष्‍ट करता हूं कि ब्रेकअप केवल अफेयर मे होता है सच्‍चा प्रेम एक दूसरे से बिछुड़ने के बाद भी बना रहता है ।

              चलिये आगे बढते है किसी दोस्‍त ने पूछा है कि जब लडकी प्रेम करती है तो क्‍या क्‍या संकेत मतलब इशारे देती है तो मेरे प्‍यारे दोस्‍तो मै यहां पर आपको बता देता हूं कि वर्तमान समय के प्रेम के बारे मे मै ज्‍यादा कुछ नही कह सकता क्‍योकि अभी का प्रेम तो मुझे भी समझ मे नही आता है वो इसलिये कि जो लोग लव मेरीज किये रहते है साल भर बाद तलाक ले लेते है तो क्‍या उन लोगो का प्रेम टापअप रिचार्ज के जैसे था जो एक साल के बाद वेलिडेटी समाप्‍त हो गया । मै तो इस तरह के प्रेम को प्रेम नही मानता । मै अपने दोस्‍तो को सच्‍चे प्रेम मे लड़की क्‍या संकेत करती है पहली बात लडकी आपको सीधे सीधे नही देखेगी, लडकिया बहुत नाजूक और बहुत शर्मिली होती है इसलिये ये जिसे पसंद करती है उसे वह सीधे सीधे नही देख सकती जब कोई उसे नही देख रहा हो तब वह अपने प्रेमी को देखती है । लड़कियां अपने प्रेमी को देखने के लिये अपना सिर नही घुमाती है बल्कि अपनी आंखो की पुतलियो को दाये बाये कर अपने प्रेमी को तिरछी निगाहों से देखती रहती है । लड़कियां हमेशा अपने प्रेम को छुपाना चाहती है ताकि उसकी मर्यादा बनी रहे । यदि आपको भी कोई लडकी इस प्रकार से देख रही है तो यह समझ लेना की वह आपसे प्रेम करती है पर याद रहे आप भी उसके मर्यादाओ को ध्‍यान मे रखकर ही कार्य करें । लड़कियां सबके घर की ईज्‍जत होती है जिसे बनाये रखना केवल उस लडकी के घरवालो की जवाबदारी नही होती बल्कि समस्‍त मानव जगत का होता है । प्रेम करना कोई गलत कार्य नही है परन्‍तु प्रेम को  व्‍यापार बनाना गलत बात है । 

अन्‍त मे एक बात और ---

प्रेम शरीर या सुन्‍दरता को देखकर नही होता है, प्रेम हृदय से होता है ।

जहां दो हृदय मिल जाये , वहीं प्रेम जन्‍म लेता है ।।

 

धन्‍यवाद दोस्‍तो ।।