मन का प्‍यार

मन का प्‍यार किसे कहते है आइए जानते है

12/28/20231 मिनट पढ़ें

दोस्‍तो प्‍यार क्‍या चीज होता है ये प्राय:सभी लोगो को पता है पर वास्‍तविक प्‍यार किसे कहते है यह दुनिया के बहुत ही कम लोगो को पता होगी अब आपके मन मे यह बात जरूर आ रही होगी कि प्‍यार तो प्‍यार होता है उसका और क्‍या मतलब हो सकता है तो चलिये प्‍यार के वास्‍तविक मतलब को समझते है ।

आज के जमाने मे प्राय: लोग यही बात कहते आ रहे है कि मुझे तुमसे प्‍यार हो गया है अब हम यहां पर समझेगे कि वह व्‍यक्ति किससे प्‍यार होने की बात कह रहा है यदि वह इंसान लडका है और एक लडकी से यह बात बोल रहा है तब वहां पर लडका लडकी की खुबसूरती से प्‍यार होने की बात कर रहा है और जब उस लडकी की खुबसूरती आने वाले समय मे कम हो जायेगा तो उस लडकी के प्रति उस लडके का प्‍यार भी कम होने लगता है । यदि प्‍यार की बात एक लडकी एक लडके से करती है तो वह लडकी अपनी तमाम उम्र उस लडके के साथ पत्नि बनकर गुजारने के लिये कहती है । अब यहां पर बात यह है कि इन दोनो मे किसके प्‍यार मे सच्‍चाई है मेरी समझ से लडकी की क्‍योकि लडकी अपने इस प्‍यार के साथ रहने के लिये अपना सब कुछ छोड कर आयेगी । यहां पर लडकी को लडके से मन से प्‍यार हुआ है और जब मन से प्‍यार होता है तो वह प्‍यार जीवन भर बना रहता है ।

हम सभी से प्‍यार करते है परन्‍तु उस सभी प्‍यार का अलग अलग मतलब होता है जैसे हमे अपने माता पिता से बचपन से ही प्‍यार करते है  जिसे हम आदर्श कहते है अपने माता पिता के लिये हर इंसान के मन मे इज्‍जत और आदर्श रहता है । ये आदर्श भी एक प्‍यार ही है पर इस प्‍यार मे एक सम्‍मान से ज्‍यादा मन मे और कुछ नही होता ।

मैने अपने जीवन मे यह अनुभव किया है कि जब किसी इंसान को सच्‍चे मन से किसी से प्‍यार होता है वह चाहे इंसान हो , जानवर हो या फिर कोई मशीन ,पर उसके लिये जो मन मे भाव उत्‍पन्‍न होता है वो अलग ही होता है । मेरे पास एक गाडी है जो एक दिन एक्‍सीडेंट हो गया था और मैने उसे सुधरवाने के लिये गेरेज मे दिया था जब तक मेरी गाडी गेरेज मे था तब तक मुझे लगता था कि मेरे घर का कोई सदस्‍य मेरे पास नही है ये अनुभव  मुझे रोज होता था मुझे मेरी गाडी की याद आती थी तो दोस्‍तो ये भी एक प्‍यार ही है मेरे अलावा आप लोगो मे से कितनो के साथ ये हुआ होगा । यहां पर हम एक निर्जिव चीज से प्‍यार करते है जिसमे कोई फिलिंग नही होती परन्‍तु उसके लिये हमारे मन मे जो फिलिंग होती है वही प्‍यार है ।

आज लोग अपने पास अपनी पत्नि रहते हुये या प्रेमिका रहते हुये किसी और को देखकर उसे बोलता है कि मुझे तुमसे प्‍यार हो गया है तो यह प्‍यार नही होता बल्कि सामने वाले को रिझाने के लिये यह एक ऐसा शब्‍द है जिसे सुनकर सामने वाला सोचने के लिये मजबूर हो जाता है जबकि वास्‍तव मे वह प्‍यार ही नही है वहां पर एक मतलब होता है जिसमे सामने वाले का साथ पाना चाहता है ।       

हम अपने घर से जुडे सभी तरह के जानवर ,मशीन, या सामान सभी से प्‍यार करते है पर उनके लिये जो भाव हमारे मन मे होता है वह अलग होता है और इंसान उनके लिये हमेशा यह सोचता है कि ये सभी हमेशा सही सलामत रहे ।

मै यह सोचता हूं कि सच्‍चा मन का प्‍यार वह होता है जिसमे इंसान जिस किसी से भी प्‍यार करता हो वह उसे केवल और केवल सुखी देखना चाहता है चाहे वह उनके साथ हो या न हो । कोई यदि कोई इंसान एक फूल से प्‍यार करता है तो उस फूल को तोडेगा नही बल्कि उस फूल के पौधे का देखभाल करेगा जिससे फूल को कोई नुकसान न पहुंचे और यदि उस इंसान के द्वारा उस फूल को पसंद करता है तो उसे तोडकर अपने पास रखेगा बिना उसके भविष्‍य के बारे मे सोचे हुये । 

तो दोस्‍तो मैने यहां पर प्‍यार का मतलब बताने का प्रयास किया है बाकी इस दुनिया मे अनेक प्रकार के लोग है जो प्‍यार को अनेक प्रकार से समझते है । अंत मे एक बात और कहना चाहूंगा कि प्‍यार एक ऐसा पवित्र शब्‍द है जिसको बोलने के बाद लोग अपने जीवन के सारे गलत काम बंद करना चाहते है । यदि हो सके तो दुनिया के सारे लोग आपस मे मन से सच्‍चा प्‍यार करे जिससे दुनिया मे कोई बुराई ही न रहे ।