राष्‍ट्रहित सभी हितों से ऊपर

राष्‍ट्रहित सभी हितों से ऊपर होता है इसलिए जब बात राष्‍ट्रहित की आती है तो देश के सभी नागरिकों को अपना हित त्‍यागकर राष्‍ट्रहित के लिए ही कार्य करना चाहिए राष्‍ट्रहित का अर्थ है उन कार्यो और नीतियों का समुच्‍चय जो एक राष्‍ट्र की सुरक्षा, समृद्धि और नागरिकों के कल्‍याण के लिए आवश्‍यक हैं। यह विचारधारा समाज के विभिन्‍न क्षेत्रों, जैसे आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्‍कृतिक मे परिलक्षित होती है। राष्‍ट्रहित का उदृेश्‍य यह सुन‍िश्चित करना होता है कि सभी नागरिकों को समान अवसर मिलें और देश एक सशक्‍त और समृद्ध राष्‍ट्र बनें।

6/7/20241 मिनट पढ़ें

राष्‍ट्रहित की परिभाषा :-

राष्‍ट्रहित का अर्थ है उन कार्यो और नीतियों का समुच्‍चय जो एक राष्‍ट्र की सुरक्षा, समृद्धि और नागरिकों के कल्‍याण के लिए आवश्‍यक हैं। यह विचारधारा समाज के विभिन्‍न क्षेत्रों, जैसे आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्‍कृतिक मे परिलक्षित होती है। राष्‍ट्रहित का उदृेश्‍य यह सुन‍िश्चित करना होता है कि सभी नागरिकों को समान अवसर मिलें और देश एक सशक्‍त और समृद्ध राष्‍ट्र बनें।

राष्‍ट्रहित की प्राथमिकताऍं :-

  • राष्‍ट्रीय सुरक्षा :- 

    किसी भी राष्‍ट्र की प्राथमिकता उसकी सुरक्षा होती है। आतंकवाद, आंतरिक विद्रोह और बाहरी हमलों से निपटनें के लिए मजबूत सुरक्षा नीतियॉं और सैन्‍य बल आवश्‍यक हैं। इसके साथ ही, साइबर सुरक्षा भी आधुनिक युग मे एक महत्‍वपूर्ण पहलू है।

  • आर्थिक विकास :-

    आर्थिक स्थिरता और विकास राष्‍ट्रहित का एक प्रमुख हिस्‍सा हैं। आर्थिक नीतियॉं, जैसे व्‍यापार, उद्योग, कृषि और सेवा क्षेत्रों मे सुधार ,रोजगार के अवसर बढ़ाने और गरीबी उन्‍मूलन के लिए महत्‍वपूर्ण हैं।

  • शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य :-

    एक सशक्‍त राष्‍ट्र के लिए शिक्षित और स्‍वस्‍थ नागरिक आवश्‍यक हैं। शिक्षा प्रणाली में सुधार और स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की पहुंच बढ़ाना राष्‍ट्रहित के अंतर्गत आता है।

  • सामाजिक न्‍याय :-

    समाज मे सभी वर्गो का समान अधिकार और अवसर मिलना चाहिए।यह सुनिश्चित करना कि जाति, धर्म, लिंग और आर्थिक स्थिति के आधार पर कोई भेदभाव न हो, राष्‍ट्रहित का एक महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है।

  • संवैधानिक और कानूनी ढांचा :-

    एक मजबूत संवैधानिक और कानूनी ढांचा देश की स्थिरता और न्‍याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्‍यक है।

राष्‍ट्रहित के सिद्धांत :-

  • समानता और निष्‍पक्षता :-

    सभी नागरिकों को समान अवसर और संसाधन मिलने चाहिए। सरकार की नीतियॉं और कार्यक्रम सभी के लिए समान रूप से लागू होने चाहिए, चाहे वे किसी भी वर्ग या जाति के हों।

  • सतत विकास :-

    पर्यावरण का संरक्षण और संसाधनों का सतत उपयोग राष्‍ट्रहित के लिए आवश्‍यक है। विकास की योजनाऍं इस प्रकार बनानी चाहिए कि वे पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखें और आने वाली पीढियों के लिए संसाधनों को सुरक्षित रखें।

  • सामाजिक एकता :-

    विभिन्‍न समुदायों और वर्गो के बीच एकता और भाईचारा राष्‍ट्रहित के लिए महत्‍वपूर्ण हैं। सामाजिक सद्भावना और आपसी विश्‍वास को बढ़ावा देना आवश्‍यक है ताकि देश मे शांति और स्थिरता बनी रहें।

राष्‍ट्रहित और राजनीति :-

राजनीतिक दल और उनके नेता अक्‍सर राष्‍ट्रहित की बात करते हैं, लेकिन यह देखना महत्‍वपूर्ण है कि उनके कार्य और नीतियॉं वास्‍तव मे राष्‍ट्रहित मे हैं या नही। राजनीति मे सत्‍ता की होड़ और व्‍यक्तिगत लाभ के कारण कई बार राष्‍ट्रहित की उपेक्षा हो जाती है। ऐसे में, नागरिकों को जागरूक और सतर्क रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे ऐसे नेताओं का समर्थन करें जो वास्‍तविक रूप से राष्‍ट्रहित के प्रति प्रतिबद्ध हों।

राष्‍ट्रहित और मीडिया :-

मीडिया को चौथा स्‍तंभ कहा जाता है, और यह सच में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। मीडिया का कर्तव्‍य है कि वह निष्‍पक्ष और सटीक सूचना प्रदान करें और राष्‍ट्रहित के मुदृों को प्रमुखता से उठाएं। हालांकि, कई बार मीडिया भी व्‍यावसायिक दबावों और पूर्वाग्रहों के कारण अपने कर्तव्‍यों का पालन नही कर पाता है। इसलिए मीडिया को अपनी भूमिका को समझते हुए राष्‍ट्रहित को प्राथमिकता देनी चाहिए।

राष्‍ट्रहित और आम नागरिक :-

राष्‍ट्रहित सिर्फ सरकार या नीतियों तक सीमित नही हैं, बल्कि आम नागरिकों की भी इसमें महत्‍वपूर्ण भूमिका होती है। नागरिकों को अपनी जिम्‍मेदारीयों को समझना चाहिए और देश के विकास और प्रगति मे सक्रिय योगदान देना चाहिए। इसके लिए शिक्षा और जागरूकता महत्‍वपूर्ण हैं ताकि लोग राष्‍ट्रहित के महत्‍व को समझ सकें और अपने कार्यो और निर्णयों मे इसे प्राथमिकता दे सकें।

निष्‍कर्ष :-

राष्‍ट्रहित एक व्‍यापक और जटिल अवधारणा है जो एक देश के समग्र विकास और स्थिरता के लिए आवश्‍यक है। यह एक ऐसा सिद्धांत है जो यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी राष्‍ट्र‍ के सभी हितों को ऊपर रखा जाए और नागरिकों की भलाई, सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित की जाए। इसके लिए आवश्‍यक है कि सरकार ,राजनीतिक दल, मीडिया और आम नागरिक सभी मिलकर राष्‍ट्रहित के प्रति अपनी जिम्‍मेदारीयों को समझें और उनका निर्वहन करें।

दोस्‍तों,

राष्‍ट्रहित को प्राथमिकता देना न केवल नैतिक कर्तव्‍य है, बल्कि यह एक मजबूत,समृद्ध और सशक्‍त राष्‍ट्र बनाने की दिशा मे एक महत्‍वपूर्ण कदम है। इसलिए हमें हमेशा यह याद रखना चाहिए कि राष्‍ट्रहित सबसे ऊपर है और इसके लिए हमें अपने व्‍यक्तिगत और सामूहिक हितों को त्‍यागने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।