
भूत और भविष्य
उम्र के हिसाब से लोग भूत और भविष्य को वर्तमान मे देखना चाहते है। उम्र के हिसाब से भूत और भविष्य को देखने का नजरिया:-जैसे-जैसे हम जीवन मे आगे बढ़ते हैं हम अतीत और भविष्य को वर्तमान मे देखने का तरीका बदलते रहते है। यह बदलाव हमारे अनुभवोंश,ज्ञान और जीवन के प्रति दृष्टिकोण से प्रेरित होता है।


नमस्कार दोस्तो मै अपने वेबसाईट पर आप सभी का स्वागत करता हूं। दोस्तो हर इंसान अपने अपने समय मे भूत और भविष्य को वर्तमान मे देखना चाहता है हर इंसान जानता है कि ऐसा नही हो सकता फिर भी उसके बारे मे विचार जरूर करते रहता है। तो दोस्तो आज हम भूत और भविष्य के बारे मे बात करने वाले है जिनको लेकर हर उम्र के लोग क्यो सोचते है। तो चलिये शुरू करते है।
उम्र के हिसाब से भूत और भविष्य को देखने का नजरिया:-जैसे-जैसे हम जीवन मे आगे बढ़ते हैं हम अतीत और भविष्य को वर्तमान मे देखने का तरीका बदलते रहते है। यह बदलाव हमारे अनुभवोंश,ज्ञान और जीवन के प्रति दृष्टिकोण से प्रेरित होता है।
बचपन:-
अतीत: बच्चो के लिये अतीत अक्सर खुशी और कल्पना का स्थान होता है वे अतीत की सुखद यादों को याद करते है और उन्हे बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं।
वर्तमान: बच्चे वर्तमान क्षण मे जीते है वे जिज्ञासु और उत्सुक होते है और दुनिया को हर रोज एक नए रोमांच के रूप मे देखते हैं।
भविष्य: बच्चों को भविष्य संभावनाओं से भरा होता है वे अपनी कल्पनाओं को उड़ान भरने देते है और जो कुछ भी हासिल करना चाहते है उसके बारे मे सपने देखते हैं।


किशोरावस्था:-
अतीत: किशोर अतीत को अधिक यथार्थवादी दृष्टिकोण से देखना शुरू करते हैं वे अपनी गलतियों और कमियों को स्वीकार करते हैं और उनसे सीखने का प्रयास करते हैं।
वर्तमान: किशोरावस्था मे युवा अपनी पहचान और स्वतंत्रता को खोजने पर ध्यान केन्द्रित करते हैं वे सामाजिक दबावों और अपेक्षाओं से जूझ सकते हैं।
भविष्य: किशोर भविष्य के बारे मे चिंंतित हो सकते है वे करियर ,शिक्षा और रिस्तों जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों का सामना करते हैं।


युवा वयस्कता:-
अतीत: युवा वयस्क अतीत को अपनी उपलब्धियों और विफलताओं के मिश्रण के रूप मे देखते है वे अपने अनुभवों से सीखते है और भविष्य के लिये योजना बनाते हैं।
वर्तमान: इस उम्र मे लोग अक्सर अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन मे स्थिरता स्थापित करने पर ध्यान केन्द्रित करते हैं।
भविष्य: युवा वयस्क भविष्य के बारे मे आशावादी होते हैं वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और सफल होने के लिये प्रेरित होते हैं।


मध्यवर्ती आयु:-
अतीत: मध्यम आयु के लोग अतीत को जीवन के अनुभवों और ज्ञान के भंडार रूप मे देखते हैं। वे अपनी यादों को संजोते है और अपने प्रियजनों के साथ समय बिताने का आनंद लेते हैं।
वर्तमान: इस उम्र मे लोग अक्सर अपने परिवारों और करियर पर ध्यान केन्द्रित करते हैं वे अपने बच्चों को बड़ा करते हैं और अपने जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास करते हैं।
भविष्य: मध्यम आयु के लोग भविष्य के बारे मे यथार्थवादी होते हैं वे सेवानिवृत्ति,स्वास्थ्य और मृत्यु जैसी बातों पर विचार करना शुरू करते हैं।


वृद्धावस्था :-
अतीत: वृद्ध लोग अतीत को जीवन की एक लंबी और समृद्ध यात्रा के रूप मे देखते हैं। वे अपनी यादाेंं को संजोते हैं और अपने जीवन के अनुभवों को दूसरों के साथ साझाा करते हैं।
वर्तमान: इस उम्र मे लोग अक्सर आराम करने और जीवन का आनंद लेने पर ध्यान केन्द्रित करते हैं वे अपने परिवार और दोस्तो के साथ समय बिताते हैं और अपने शौक का आनंद लेते हैं।
भविष्य: वृद्ध लोग भविष्य के बारे मे स्वीकृति और कृतज्ञता के साथ देखते हैं वे अपने जीवन के लिये आभारी हैं और अपने प्रियजनों के साथ बिताए गये समय को संजोते हैं।


दोस्तो,
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल सामान्य रूझान है । हर इंसान अपनी उम्र के अनुसार भूत, वर्तमान और भविष्य को अलग अलग तरह से देखता है। फिर भी युवा हमेशा भविष्य को वर्तमान मे देखना चाहता है तो वृद्धावस्था भूत को वर्तमान मे देखना चाहता है। हम सभी को यह पता है कि दोनो ही संभव नही है।