मानव मन की शांति

मानव को जीवन जीने के साथ साथ मन की शांति की जरूरत किस प्रकार होती है जब कोई व्‍यक्ति कोई काम करता है और उस काम मे उसे सफलता मिलता है तो उस समय जो उस व्‍यक्ति के मन खुशी होती है उसे मन की शांति कहा जाता है परन्‍तु यह उस काम से मिला क्षणिक मात्र मन की शांति है । मन की वास्‍तविक शांति उसे कहते है जिसमे इंसान भूतकाल मे, ऐसा कार्य किया हो तथा वर्तमान काल मे ऐसा कार्य करता हो जिससे दूसरे व्‍यक्ति का कोई नुकसान न हो, दूसरे को कोई पीड़ा न हो, जिस कार्य के लिये कोई पछतावा न हो जिस कार्य मे व्‍यक्ति अपने से ज्‍यादा दूसरो का भलाई चाहता हो । किसी भी कार्य को करने पर जो संतुष्टि प्राप्‍त होती है उसे मन की शांति कहा जाता है । कहने का सीधा सीधा मतलब यह है कि ऐसा कार्य जिसको करने से अपने के साथ साथ दूसरे इंसान का भी भलाई हो ऐसे कार्य से मिलने वाली सफलता को ही मन की शांति कहा जाता है ।

1/27/20241 मिनट पढ़ें

नमस्‍कार दोस्‍तो, आप सभी कैसे है मुझे उम्‍मीद है आप सभी अच्‍छे से होंगे ।

                         दोस्‍तो आज हर इंसान अपनी भौतिक सुख सुविधाओं के लिये इतना व्‍यस्‍त हो चुका है कि उसे पता ही कि भातिक सुख सुविधाओ को प्राप्‍त करने के चक्‍कर मे वह अपने मन की शांति को खोते जा रहा है । यदि व्‍यक्ति के मन मे शांति नही तो फिर वह भौतिक सुख सुविधाएं किस काम की है । एक सफल मानव जीवन के लिये मन की शांति को होना बहुत आवश्‍यक है । यदि व्‍यक्ति के पास मन की शांति है परन्‍तु भौतिक सुख सुविधाएं नही है फिर भी वह इंसान सुखी रहेगा । इसके विपरीत यदि इंसान के पास दुनिया का हर भौतिक सुख सुविधाएं है परन्‍तु उनके मन मे कोई शांति नही है तो फिर उस सुख सुविधाओ का कोई कीमत नही होता है ।

मन की शांति किसे कहते है :-

                               बहुत से लोगो के मन मे यह बात आ रहा होगा कि आखिर ये मन की शांति किसे कहते है हालाकि मेरे कई ऐसे मित्र होगें जिन्‍हे मन की शांति के बारे मे अच्‍छे से जानकारी होगी मुझे भी शायद उतनी जानकारी न हो परन्‍तु मै यहां पर जितना जानता हूं उसे अच्‍छे से बताने का प्रयास कर रहा हूं । तो चलिये जानते है कि मन की शांति किसे कहते है । जब कोई व्‍यक्ति कोई काम करता है और उस काम मे उसे सफलता मिलता है तो उस समय जो उस व्‍यक्ति के मन खुशी होती है उसे मन की शांति कहा जाता है परन्‍तु यह उस काम से मिला क्षणिक मात्र मन की शांति है । मन की वास्‍तविक शांति उसे कहते है जिसमे इंसान भूतकाल मे, ऐसा कार्य किया हो तथा वर्तमान काल मे ऐसा कार्य करता हो जिससे दूसरे व्‍यक्ति का कोई नुकसान न हो, दूसरे को कोई पीड़ा न हो, जिस कार्य के लिये कोई पछतावा न हो जिस कार्य मे व्‍यक्ति अपने से ज्‍यादा दूसरो का भलाई चाहता हो । किसी भी कार्य को करने पर जो संतुष्टि प्राप्‍त होती है उसे मन की शांति कहा जाता है । कहने का सीधा सीधा मतलब यह है कि ऐसा कार्य जिसको करने से अपने के साथ साथ दूसरे इंसान का भी भलाई हो ऐसे कार्य से मिलने वाली सफलता को ही मन की शांति कहा जाता है ।

मन मे शांति किन कारणों से नही होती है :-

                            लोगो के मन मे शांति नही होना यह एक महत्‍वपूर्ण सोचने का विषय है क्‍योकि यदि आप मन की शांति के बारे मे नही सोचते है तो फिर आपको वह नही मिलेगा । मन अशांत रहने का कई कारण हो सकते है जैसे कोई ऐसा कार्य करना जिस कार्य का विरोध पूरा समाज करता है ऐसे कार्य को करने के बाद आपको सफलता तो मिल जाता है परन्‍तु आपका मन उससे खुश नही होता और जब मन खुश नही होगा तो शांति मिलना असंभव होता है । कभी कभी इंसान अपने सामर्थ्‍य से अधिक लक्ष्‍य को पाना चाहता है जिनके न मिलने पर इंसान का मन अशां‍त हो जाता है । मन अशांत होने का एक कारण है जो  बहुत ही सीधा और सरल है जैसे कोई व्‍यक्ति अपने परिवार को पालने के लिये रात दिन काम करता है परन्‍तु वह इंसान अपने परिवार को समय नही दे पाता जिससे घर मे लड़ाई झगड़े होना शुरू हो जाता है तब वह व्‍यक्ति का मन अशांत हो जाता है और हमेशा सोचते रहता है कि मै तो अपना काम ठीक से कर रहा हूं पर घरवाले नाराज क्‍यो होते जा रहे है । इसका कारण होता है परिवार को समय नही देना ,उसके साथ वक्‍त नही गुजारना और जब इंसान के परिवार मे कोई लड़ाई झगड़ा होता है कोई भी इंसान मन शांत नही रह सकता । 

मन की शांति इंसान के लिये क्‍यों जरूरी होता है :-

  • मन की शांति इंसानो के लिये बहुत जरूरी होती है क्‍योकि उसके सार्वभौमिक सुख और समृद्धि के लिये एक महत्‍वपूर्ण अंग है । मानव जीवन मे अनेक प्रकार की चुनौतियां और तनाव होते है जिनसे निरन्‍तर निपटना पड़ता है और जिनके अन्‍दर मन मे शांति है तो वह इंसान इन चुनौतियों का सामना करने मे सक्षम होता है ।

  • मन की शांति इंसानो की सामंजस्‍य ,स्‍वास्‍थ्‍य, और समृद्धि के लिये आवश्‍यक होता है । यदि इंसानो के मन मे शांति नही होगी तो वह अपने लक्ष्‍यो की प्राप्ति नही कर सकता क्‍योकि मन की शांति इंसान को सकारात्‍मक दृष्टिकोण प्रदान करता है ।

  • मन मे शांति होने पर इंसान हर प्रकार के विषयों पर चर्चा करने मे सक्षम होता है और जब इंसान सक्षम होता है तो वह अपने जीवन को संतुलित और सुसंगत बना सकता है । समाज मे सुधार और आसपास की स्थितियो मे सुधार हेतु लोगो के मन मे शांति का होना बहुत आवश्‍यक होता है । 

  • ईश्‍वर की भक्ति करने के लिये भी इंसान को पहले मन की शांति की आवश्‍यकता होती है क्‍योकि जब तब इंसानो का मन अशांत रहेगा तब तक ईश्‍वर की भक्ति करना संभव नही होता ।

मन की शांति के लिये क्‍या करना चाहिए :-

         आज वर्तमान समय मे लोग सुख सुविधा प्राप्‍त करना चाहते है और इस सुख सुविधा को पाने के लिये उल्‍टा सीधा कार्य करते है जिससे होता यह है कि सुख सुविधा तो प्राप्‍त हो जाता है परन्‍तु मन की शांति नही मिल पाता । तो फिर क्‍या करे जिससे मन की शांति मिल सके । 

         हर इंसान जो कोई भी कार्य करता हो उस कार्य को करने से पहले यह जरूर जानने की कोशिश करे की इस कार्य को करने से किसी को दुख तकलीफ तो नही मिल रहा , किसी को पीड़ा तो नही हो रही है , और फिर सब जानने के बाद यदि आपको ऐसा लगता है कि इस काम को करने से दूसरो को परेशानी ,तकलीफ, होगी तो ऐसे कामो को नही करना चाहिए इससे आपको मन की शांति प्राप्‍त होगा । यहां पर हर वह कार्य जिसमे दूसरे को दुख मिलता हो ऐसे कार्य को नही करना चाहिए । यदि आपसे हो सके तो लोगो की भलाई के लिये काम करें ,अच्‍छा काम करे जिससे मन मे शांति बना रहे और वह शांति कभी खत्‍म न हो ।

अन्‍त मे एक बात बताना जरूरी है कि इस संसार से जब इंसान जाता है तो उसके साथ उसके अच्‍छे कर्म ही जाते है इसलिये इंसानो को हमेशा अच्‍छे कर्मो पर ध्‍यान रखना चाहिए जिससे जीवन अच्‍छे से गुजर जाय ।

धन्‍यवाद-