
मन का पछतावा
।। काम ऐसा हो जिसे करने पर मन मे कोई पछतावा न हो क्योकि हर वो काम बुरा जिसे करने पर मन मे हो पछतावा ।। जब आप या मै कोई भी कार्य करते है घर का हो ,बाहर का हो ,चाहे वह कार्य किसी से भी संबंधित हो जिस कार्य को करने के बाद आपका मन अन्दर ही अन्दर उस कार्य को लेकर विचार करता है ,और मन को लगता है कि यह कार्य को मुझे नही करना चाहिए था , या वह इंसान अपने जगह ठीक था, या मैने अपनी गलती नही मानी ,या फिर मुझे वहां जाना था । इस तरह से जब किसी इंसान का मन पूर्व मे किये गये कार्यो या फैसलो को लेकर सही गलत का निष्कर्ष निकालता है तो वह उस समय मन हो रही हलचल की भाव को ही मन का पछतावा कहते है ।



नमस्कार दोस्तो ,
मै अपने वेबसाइट mind matter nyt पर आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं तो दोस्तो चलिये आज फिर अपने आसपास के किसी खास विषय पर चर्चा करते है ।
तो दोस्तो आज का विषय है मन का पछतावा जिस पर मै आप लोगो से चर्चा करने वाला हूं वैसे आप लोगो मे से कई मेरे दोस्त इस आर्टिकल के नाम उसे विस्तार से जानने की जिज्ञासा उत्पन्न हो रही होगी । तो फिर चलिए शुरू करते हैं ।
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि मन का पछतावा किसे कहते है :-
वैसे प्राय: मेरे बहुत से मित्रो को पता ही होगा कि मन का पछतावा किसे कहते है परन्तु कुछ ऐसे भी मित्र भी होंगे जिन्हे शायद इसके बारे मे पता ही नही होगा । यहां पर एक और मजेदार बाद यह भी है कि जिन्हे पता है उन लोगो को भी यहां पर कुछ न कुछ नया जानकारी मिलेगा । जब आप या मै कोई भी कार्य करते है घर का हो ,बाहर का हो ,चाहे वह कार्य किसी से भी संबंधित हो जिस कार्य को करने के बाद आपका मन अन्दर ही अन्दर उस कार्य को लेकर विचार करता है ,और मन को लगता है कि यह कार्य को मुझे नही करना चाहिए था , या वह इंसान अपने जगह ठीक था, या मैने अपनी गलती नही मानी ,या फिर मुझे वहां जाना था । इस तरह से जब किसी इंसान का मन पूर्व मे किये गये कार्यो या फैसलो को लेकर सही गलत का निष्कर्ष निकालता है तो वह उस समय मन हो रही हलचल की भाव को ही मन का पछतावा कहते है ।
इंसानो के मन मे पछतावा कब और क्यों होता है :-
अब इन शब्दो को देखकर मेरे कई ऐसे दोस्तो के मन मे यह विचार जरूर आ रहा होगा कि जो आप मन के पछतावे के बारे मे बता रहे है वह आखिर इंसानो को कब क्यो होता है तो दोस्तो मै वही तो बताने जा रहा हूं । कि इंसान को कब और क्यो पछतावा होता है उसका मन कब स्वयं के कार्य को गलत मानता है । तो दोस्तो एक बात पहले साफ तौर पर बता देता हूं कि जो इंसान सही और गलत के मतलब को अच्छे से नही समझ सकता हो ऐसे इंसानो के अन्दर किसी बात को लेकर कोई पछतावा नही होता । यह पछतावा ऐसे इंसान के मन मे होता है जो सही और गलत बात या कार्यो के बारे मे अच्छे से जानता हो और जिनका मन न्याय और अन्याय के बीच के फर्क को जानता हो । जब एक न्याय और अन्याय के बीच के फर्क को जानने समझने वाला व्यक्ति किसी कार्य को करता है और उसे अन्याय पूर्ण प्राप्त करता है । उस व्यक्ति का मन जानता है कि इस कार्य मे विजय या सफलता अन्यायपूर्ण ढ़ग से प्राप्त हुआ है जिसको लेकर उसका मन सफलता मे खुश होने की जगह पछताने लगता है कि मुझे ऐसा नही करना चाहिए था । कहने का सीधा मतलब यह है कि जब भी कोई सच्चा इंसान किसी कार्य को अन्यायपूर्वक करता है तभी से ही उसके मन मे पछतावा होना शुरू हो जाता है ।
मन का पछतावा किन लोगो को होता है :-
जिन लोगो का मन साफ होता है मेरा कहने का मतलब यह है कि जो लोग दूसरे के दुख को देखकर दुखी हो जाते है और दूसरे के सुख को देखकर जलन नही करते ऐसे लोग जब कभी अपने जीवन मे कोई ऐसा कार्य या बात कर जाये जिसे करने या कहने के लिये उस व्यक्ति का मन सहमत नही होता है तब उस व्यक्ति का मन उस कार्य या बात को लेकर अपने आप को ही कोसने लगता है जिससे इंसान आत्मग्लानी महसूस करने लगता है ।
व्यक्ति के मन का पछतावा होने का फायदा :-
यहां पर मै व्यक्ति के मन मे होने वाले पछतावे से क्या फायदा हो सकता है इसके बारे मे बताने वाला हूं । अब यहां पर मेरे दोस्तो के मन मे यह बात जरूर आ रही होगी कि लोगो के मन पछताने से भला क्या फायदा हो सकता है । तो चलिये आगे आपको इनके फायदे के बारे मे बताता हूं । यदि कोई इंसान किसी कार्य को करने के बाद उसे यह यह ज्ञात होता है कि मुझे इस कार्य को नही करना चाहिए था या फिर मुझे उससे इस तरह से बात नही करना चाहिए था तब उस इंसान का मन पश्चाताप से भर जाता है और जब व्यक्ति पश्चाताप के रास्ते से गुजर कर आगे बढ़ता है तो फिर वह इंसान अपने जीवन मे हर कार्य को ईमानदारी से करता है । यदि आपके सामने कोई व्यक्ति किसी पुरानी बातो को लेकर आपसे चर्चा करता है और उस कार्य मे अपने आप को गलत मानता है तो समझ लेना चाहिए कि यह व्यक्ति के मन मे उस बात को लेकर बहुत पछतावा हो रहा है ।
दोस्तो,
अन्त मे यह बताना चाहता हूं कि जो व्यक्ति अपनी गलती स्वीकार करता है ,जो व्यक्ति हार जीत से ज्यादा न्याय को पसंद करता है, कम मगर सच्ची बात बोलता है ऐसे व्यक्तियो से जब कभी कुछ गलत हो जाता है तब उसका मन पछताने लगता है । यदि ऐसा व्यक्ति आपके आसपास है तो आप बहुत ही भाग्यशाली है क्योकि ऐसे व्यक्ति जिनके आसपास होते है उनका कभी बुरा नही हो सकता है । वो इसलिये क्योकि जिनके मन मे गलत बात को लेकर पछतावा होने लगता है वैसे लोग किसी का भी अनहित नही चाहते है ।
धन्यवाद ।।