नारीयो का सम्‍मान

प्रत्‍येक देश मे नारीयो का सम्‍मान होना चाहिए समाज मे एक व्‍यक्ति अपने परिवार के वंश को अकेले आगे नही बढ़ा सकता है इसके लिये एक नारी की आवश्‍यकता होती है । पारिवारिक वंश को आगे बढ़ाने के लिये नारी की विशेष भूमिका होती है और इसलिये नारी बच्‍चे को जन्‍म देकर पारिवारिक वंश को आगे बढ़ाती है । एक नारी के बिना पारिवारिक वंश आगे बढ़ना असंभव है । इसलिये नारीयो को सदा सम्‍मान देना चाहिए । 

2/21/20241 मिनट पढ़ें

नमस्‍कार दोस्‍तो मै अपने वेबसाइट मे आपका स्‍वागत करता हूं ।

आज हम नारीयो के सम्‍मान के बारे मे बात करने वाले है नारीयो का सम्‍मान कैसे किया जाता है, नारीयां हमारे जीवन मे क्‍या महत्‍व रखती है, और भी अनेक प्रकार के बारे मे बात करने वाले है ।

दोस्‍तो बात शुरू करने से पहले यह जानना आवश्‍यक होता है कि नारी किसे कहते है । कई ऐसे लोग होंगे जिन्‍हे नारी किसे कहते है पता ही नही होगा और जब पता नही होगा तो फिर उसके समझ मे कुछ नही आयेगा । तो चलिये पहले नारी किसे कहते है उसके बारे मे जान लेते है । मानव समाज मे मां, बहन, पत्नि,पुत्री, बहु, अर्थात जो मानव जाति मे स्‍त्री का रूप लेकर जन्‍म हुई है उसे ही नारी कहा जाता है ।

अब कई लोगो के मन मे यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर नारीयो का सम्‍मान क्‍यो जरूरी होता है । नारी अपना सम्‍मान के हकदार होते है इसके कई कारण है ।

01- पारिवारिक वंश को आगे बढ़ाने मे विशेष भूमिका :-

समाज मे एक व्‍यक्ति अपने परिवार के वंश को अकेले आगे नही बढ़ा सकता है इसके लिये एक नारी की आवश्‍यकता होती है । पारिवारिक वंश को आगे बढ़ाने के लिये नारी की विशेष भूमिका होती है और इसलिये नारी बच्‍चे को जन्‍म देकर पारिवारिक वंश को आगे बढ़ाती है । एक नारी के बिना पारिवारिक वंश आगे बढ़ना असंभव है । इसलिये नारीयो को सदा सम्‍मान देना चाहिए ।  

02-पूरे समाज मे रौनक की वजह नारीया:- 

आज समाज नारी के बिना अपना कोई पहचान नही बना सकता है । नारी एक ऐसा सौन्‍दर्य होती है जिसका समाज मे होने से समाज मे रौनक रहता है । नारीयो को विधाता ने सुन्‍दरता प्रदान भी इसीलिये की है कि वह समाज मे रहकर मां ,बहन, पत्नि ,प्रे‍मिका ,पुत्री आदि रूपो मे समाज की रौनक बनाये रखें ।

03-पूरे परिवार की‍ जिम्‍मेदारी उठाना :-

समाज के प्रत्‍येक व्‍यक्ति को यह हमेशा प्रयास करना चाहिए कि समाज के सभी नारीयो का सम्‍मान करें । यह नारी ही है जो हर परिवार की देखभाल करने वाली होती है ,कभी मां बनकर देखभाल करती है ,कभी बेटी बनकर सहयोग करती है,कभी पत्नि बनकर हमेशा साथ देती है । नारीयो की कई स्‍वरूप होती है जो हर रूप पूरे परिवार और समाज की जिम्‍मेदारी उठाती है । इसलिये नारीयो का हमेशा सम्‍मान करना चाहिए ।

04- कभी नारीयो का दिल मे दुखाओ:-

हर नारी किसी न किसी रूप मे अपने परिवार या समाज की पूरी जिम्‍मेदारी उठाकर चलती है परन्‍तु जिस प्रकार इनके मन साफ और ममता की मूरत होती है । ठीक उसी प्रकार नारीयो का मन बहुत ही कोमल और नाजुक होती है । जो एक छोटी सी छोटी कड़वी बात से दुखी हो सकती है । इसलिये हर इंसान को यह हमेशा ध्‍यान मे रखना चाहिए की भूल से भी किसी नारी को कड़वी बात नही कहनी चाहिए और न कभी उनका दिल दुखाना चाहिए । नारीयो को हमेशा सम्‍मान के साथ उसे खुश रखना हर इंसान का कर्तव्‍य और जिम्‍मेदारी होती है ।