मानव का जन्‍म लेने का मूल कारण

क्‍या हर इंसान को पता है कि उसका जन्‍म लेने का कारण क्‍या है इस संसार मे हर रोज अनेक लोग जन्‍म लेते है और अनके लोग मृत्‍यु को प्राप्‍त करते  है ।यहां हर इंसान का जन्‍म लेने का काेई न कोई कारण  होता है जन्‍म लेने वाले अपना जीवन अपने तरीके से जीता  है और अन्‍त मे इस दुनिया को छोड़कर चला जाता है । जो जन्‍म लेते है उसका तो मृत्‍यु निश्चित है । ये बात इस दुनिया मे जन्‍म लेने वाले प्राय: सभी प्राणियो को मालूम ही है चाहे वह इंसान हो या कोई जानवर ।

1/30/20241 मिनट पढ़ें

                इस संसार मे हर रोज अनेक लोग जन्‍म लेते है और अनके लोग मृत्‍यु को प्राप्‍त करते  है ।यहां हर इंसान का जन्‍म लेने का काेई न कोई कारण  होता है जन्‍म लेने वाले अपना जीवन अपने तरीके से जीता  है और अन्‍त मे इस दुनिया को छोड़कर चला जाता है । जो जन्‍म लेते है उसका तो मृत्‍यु निश्चित है । ये बात इस दुनिया मे जन्‍म लेने वाले प्राय: सभी प्राणियो को मालूम ही है चाहे वह इंसान हो या कोई जानवर ।

                  दोस्‍तो आज इस आर्टिकल मे मै इसी विषय पर चर्चा करने वाला हूं । जो लोग सोचते है कि यदि हम अधिक धन नही कमा पायेगें तो हमारे जीवन का क्‍या होगा हमारे जीवन का मकसद पूरा नही होगा । तो चलिये अपने आज के इस महत्‍वपूर्ण चर्चा की ओर चलते है ।

सवाल अपने आप से :-

                दोस्‍तो मै कोई वेद ज्ञानी नही हूं, न ही कोई भविष्‍यकर्ता हूं मै भी आप लोगो की तरह एक आम इंसान हूं । मेरा आज आप लोगो से यह सवाल है कि मानव का जन्‍म किस लिये होता है । केवल अपने परिवार को बढ़ाने के लिये, या धन कमाने के लिये । अब इस आर्टिकल को पढ़ने वाले कितनो ऐसे मेरे भोले भाले दोस्‍त होगें जो सोच रहे होगें कि मानव इस दुनिया मे जन्‍म क्‍यो लेता है । इसका जवाब आपको आपके अन्‍दर ही मिल जायेगा यदि कोई अपने आप से यह सवाल करे कि मेरा जन्‍म लेने का मूल कारण क्‍या है मुझे विधाता ने इस दुनिया मे क्‍यो भेजा है उसका क्‍या मकसद है । 

                 दोस्‍तो मानव जीवन एक ऐसा जीवन मे जिसे ऊपर वाले ने बड़ी फुरसत से अपने हाथों से बनाया है और इंसान को विशेष शक्ति दिया है जिससे हर प्राणी की उद्धार हो जाये । मेरा कहने का मतलब यह है कि भगवान ने सबसे खुबशुरत जीव जिसे बनाया है तो वह है इंसान ।

                 दोस्‍तो इस संसार मे जन्‍मे हर मानव जाति का यह कर्तव्‍य और धर्म होता है कि वह अपने बल और बुद्धि का सही उपयोग कर सभी जीवों का कल्‍याण करें क्‍योकि विशेष बुद्धि भगवान ने केवल मानव को दिया है । परन्‍तु इंसान आज वर्तमान समय मे अपने कर्तव्‍यों से बहुत दूर हो गये है आज के बहुत से मानव को तो यह भी पता नही है कि उसका कर्तव्‍य क्‍या है ।

मानव के जन्‍म लेने की मूल कारण धर्म की रक्षा और हर प्राणी की मदद करना :-

                   आज हर इंसान अपने और अपने परिवार के लिये जीवन जी रहा है क्‍या भगवान ने आपको यही उपदेश देकर इस दुनिया मे भेजा था कि तुम केवल अपने परिवार के लिये जीवन जीना । नही भगवान ने हर इंसान को इस दुनिया मे धर्म की रक्षा करने और दीन दुखियो की सेवा करने के लिये भेजा है । यदि आपको अमीर बनाया है तो आप धन से लोगो की सेवा करेंगे और यदि आप गरीब है तो श्रम से लोगो की सेवा करेंगे यही मानवता कहती है ।

                  मेरे प्‍यारे दोस्‍तो आपको शायद मालूम नही होगा कि आप जो भी करते है उसके पीछे भगवान का हाथ होता है । हर चीज का वक्‍त तय है हर जगह तय है आप कहीं पर पहुंचते नही पहुचाये जाते हो,खेल तुम नही रहे खेल तो वो रहा है । इंसान सोचता है मै अपने मेहनत से ये सब कमाया या धन बनाया है परन्‍तु उस नादान को मालूम ही नही कि ये उसने नही किसी ने दिया है ।

मानव के जन्‍म लेने की मूल कारण को ऊपर वाले के द्वारा समझाने का प्रयास करना:- 

                  आज इंसान जिसके पास धन है वह धन को और बढ़ाने मे लगा है और जिसके पास धन नही है वह धन कमाने मे लगा हुआ है । इसी चक्‍कर मे हर इंसान अपने जन्‍म होने के मूल कारण को भूल जाते है कि उसे इस दुनिया मे किसलिये भेजा गया है और उसे क्‍या काम करने है परन्‍तु भगवान हर इंसान के सामने अनेक परिस्थिति लाकर उसे समझाने का प्रयास करता है कि तुम्‍हारा जन्‍म कारण हरेक प्राणी की मदद करना है परन्‍तु तुम अपने जीवन मे ही उलझ गये हो । कई इंसान भगवान के इस इशारे को समझ जाता है और अपने कर्तव्‍य पथ पर कार्य करने लगता है परन्‍तु कई ऐसे होते है जिन्‍हे पूरा जीवन समझ मे नही आता और जब उसका अन्‍त समय आता है तो उसे लगता है कि मुझे भगवान ने कोई कार्य दिया था जिसे मै नही कर सका जिसका उसे मरते समय भी पछतावा रहता है ।

दूसरो की मदद करना ही जीवन का मूल मकसद:-

               हर इंसान का जन्‍म एक दूसरे की मदद करने के लिये हुआ है । इंसान का जन्‍म लेने का मूल उदेश्‍य संसार के हर प्राणी की मदद करना है । ऊपर वाले ने इसी लिये मानव को अधिक बुद्धिमान बनाकर इस संसार मे भेजा है । कहा भी जाता है कि यदि अपने लिये जीये तो क्‍या जीये जो दूसरो के लिये जीता है वही इंसान कहलाता है ।

जो जैसा करता है उसको वैसा ही वापस मिलता है   

            इंसान प्राणीयों की मदद करने से पहले यह सोचता है कि मेरा क्‍या फायदा होगा । अरे नादान इंसानो जब तुम इतना सोचते हो तो तुमको बनाने वाले ने क्‍या क्‍या नही सोचा होगा । तुम इस तरह से सोचोगे क्‍या तुमको बनाने वालो को नही मालूम होगा सब मालूम था इसलिये वह हमेशा सबके हित के लिये सोचा और नियती बनायी है । तभी तो यदि कोई अपने जीवन मे किसी पर दया करता है तो उसके बदले मे वह हमेशा याद किया जाता है , यदि किसी ने अपने जीवन मे किसी का भला किया तो उसको  भी जीवन मे लाभ ही होता है । ऊपर वाले कभी किसी का नुकसान नही होने देता । परन्‍तु इंसान अपने जन्‍म लेने के मूल कारण को भूल कर गलत दिशा मे चले जाते है । किसी ने सच ही कहा है अपने लिये तो हर जीव जन्‍तु जीता है परन्‍तु जो दूसरो के लिये जीता हो ऐसी शक्ति भगवान ने केवल इंसान को दिया है तो उस शक्ति का सही इस्‍तेमाल कीजिए । 

एक ज्ञानी कहता है अपना जीवन शख्‍स बनकर नही,बल्कि शख्‍सीयत बनकर जीयो,क्‍योकि शख्‍स एक दिन विदा हो जाता है ,शख्‍सीयत जिन्‍दा रहता है ।।

       मेरे प्‍यारे दोस्‍तो इंसान के जीवन मे  कहीं पर भी कोई लेबल या समाप्ति की तारीख नही लिखा है जिससे कोई बेफिकर होकर जीवन जी सके किसकी मृत्‍यु कब है कोई नही जानता इसलिये जो आज है वही सबकुछ है कल को किसी ने नही देखा जो देखा वह आज है इसलिये अपने इस मानव जीवन मे जन्‍म लेने के मूल कारण को पहचानो और ऊपर वाले के आदेशो का पालन कर अपने वर्तमान जीवन को सुखी बनाओं ।

धन्‍यवाद ।।