नासमझ पर समझ की ज्ञान

दुनिया मे बहुत ऐसे लोग है जो किसी बात को नही समझते है या फिर समझना ही नही चाहते है आज इस दुनिया मे बहुत से ऐसे लोग भी है तो अपने फायदे और काम की बात को तो बड़ी आसानी से समझ जाते है परन्‍तु जब उसी व्‍यक्ति के सामने समाज हित, समाज कल्‍याण , जन कल्‍याण या फिर लोगो की मदद एवं विकास की बात होती है तो वह इंसान अपने आप को समाज के सामने ऐसे पेश करता है जैसे उनका इन बातो से कोई मतलब ही नही है और वह इन बातों का कोई मतलब को समझने मे असमर्थ है । साथ ही वह इंसान समाज को यह दिखायेगा कि वह तो एक नासमझ आदमी है उन्‍हे पढ़े लिखे लोगो की बातें समझ मे नही आती है ।

2/8/20241 मिनट पढ़ें

नमस्‍कार दोस्‍तो आप लोगो मे ऐसे कई इंसान देखे होंगे जो बहुत ही नासमझ तरह के होते है और बहुत से लोग ऐसे होते है तो समझना ही नही चाहते । तो दोस्‍तो आज हम इसी विषय पर चर्चा करने वाले है ।

आज इस दुनिया मे अनेको प्रकार के लोग रहते है । इनमे से कुछ लोग ऐसे होते है जिनसे न तो कोई बात करने का कोई मतलब होता है और न ही किसी चीज को समझाने का हम सभी को एक एक करके विस्‍तार से समझते है ।

01- नासमझ व्‍यक्ति :-

आज इस दुनिया मे बहुत से ऐसे लोग भी है तो अपने फायदे और काम की बात को तो बड़ी आसानी से समझ जाते है परन्‍तु जब उसी व्‍यक्ति के सामने समाज हित, समाज कल्‍याण , जन कल्‍याण या फिर लोगो की मदद एवं विकास की बात होती है तो वह इंसान अपने आप को समाज के सामने ऐसे पेश करता है जैसे उनका इन बातो से कोई मतलब ही नही है और वह इन बातों का कोई मतलब को समझने मे असमर्थ है । साथ ही वह इंसान समाज को यह दिखायेगा कि वह तो एक नासमझ आदमी है उन्‍हे पढ़े लिखे लोगो की बातें समझ मे नही आती है । अब सोचने वाली बात यह है कि क्‍या सच मे उस इंसान को इस बात के बारे मे कोई समझ नही है । ये बात एकदम से सच भी नही है और पूर्णत: झूठ भी नही होता । मेरा कहने का मतलब यह है कि आज समाज मे ऊपर बताये गये व्‍यक्ति की तरह के अनेको लोग रहते है परन्‍तु दस मे छ: लोग ऐसे होते है जिनको वास्‍तव मे समाज कल्‍याण,जन कल्‍याण, जैसे समाज हितकारी बाते समझ मे नही आती है लेकिन बचत चार लोग ऐसे होते है जिनको ऐसे बाते समझ मे आती है जिसमे उनका स्‍वयं का हित होता है परन्‍तु समाज को अपने आप को नासमझ ही बतायेंगे ।

02- समझदार होने का दिखावा करना :-

आज इस समाज मे कई ऐसे लोग होते है जो लोगो को ऊलूल जूलूल समाधान देकर अपने आप को समझदार होने का दिखावा करते है वह अपने आप को उस समाज का सबसे समझदार इंसान समझने लगता है । आज समाज मे कई लोग ऐसे होते है जो अपने आस पास रहने वाले लोगो मे से अपने आप को ज्‍यादा समझदार समझते है इसलिये हर समय लोगो को अपनी समझदारी का नमूना दिखाते रहते है  । ऐसे लोगो को लगता है कि वह समाज का कार्य कर रहा है और लोगो को सही सलाह और उनकी समस्‍याओं का सही निदान निकाल कर देता है । परन्‍तु उस इंसान को यह मालूम नही होता है कि अधूरी ज्ञान और अधूरी रास्‍ते इंसान को मंजील तक नही पहुंचा सकती है । ऐसे लोग केवल एक पहलू पर चर्चा करते है क्‍योकि इसे दूसरे पहले के बारे मे कोई ज्ञान ही नही होता है । एक पहलू मालूम होने पर ऐसे लोगो को लगता है कि वह पूरे समाज मे समझदार इंसान है । 

03-समझ कर भी ना समझने वाला :-

दोस्‍तो आज बहुत से ऐसे लोग भी है जो समाज के हर बात को समझता है परन्‍तु वह सभी को यही दिखाता है कि वह इन बातो को नही समझ पाता है । ऐसे लोगो को आप क्‍या समझते है मुझे नही मालूम पर मै ऐसे लोगो को स्‍वार्थी कहता हूं ।  अब आप लोगो के मन मे आ रहा होगा कि वह स्‍वार्थी कैसे हो सकता है जबकि उसे तो कोई बात समझ मे ही नही आता है । तो सूनो मुझे समझ मे नही आता है ऐसा कहने वाला इंसान यह जानता है कि यदि मै समाज को बता दिया कि मुझे समझ आ रहा है तो लोग हर एक बात को लेकर मेरे ही पास आयेगा  जिससे उनका समय बर्बाद होगा यही सोच कर वह इंसान सीधा और सरल जवाब देता है कि  मुझे कुछ समझ मे नही आता है । अब यहां पर उस इंसान मे इतना दिमाग है जो अपने आने वाले समय के बारे मे सोच सकता है । इसलिये मैने ऐसे इंसान को स्‍वार्थी कहा था । 

04-नासमझ पर समझ की ज्ञान :-

जैसे की मैने इस आर्टिकल का नाम ही नासमझ पर समझ की ज्ञान रखा है इसका पहले अर्थ समझा देता हूं । मेरे इस आर्टिकल के दो अर्थ है जो एक ही नाम मे समाहित है । पहली बात यदि कोई व्‍यक्ति वास्‍तव मे नासमझ है और उसे कोई महत्‍वपूर्ण बात समझ मे नही आती है तो लोगो की समझ यह समझ जाता है कि इस इंसान को यह बात की गहराई समझ मे नही आ रही है इसे कहते है नासमझ पर समझ की ज्ञान । दूसरी बात यदि कोई इंसान  किसी बात को भली भांति से जानता है और उसके मतलब को भी समझता है परन्‍तु उस इंसान के द्वारा यही कहा जाता है कि  मुझे इन बातो का कुछ मतलब समझ मे नही आया । जबकि सभी को मालूम है कि इस बात को समझना इस इंसान के लिये संभव है । इस तरह किसी समझदार इंसान के द्वारा नासमझ की बात की जाती है और जो इस मतलब को समझ जाता है उसे ही नासमझ पर समझ की ज्ञान कहा जाता है ।